चुनाव पर कुछ लाइन..✍️
"चुनाव पर कुछ लाइन :"...✍️
कौन जात हो भाई?
दलित है' साब !
नहीं मतलब किसमें आते हो ?
आपकी गाली में आते हैं
गंदी नाली में आते हैं
और अलग की हुई
थाली में आते हैं साब!
नहीं मुझे लगा हिंदू में आते हो।
आता हूँ न साब !
पर आपके चुनाव में
क्या खाते हो भाई ?
जो एक दलित खाता है साब !
नहीं मतलब क्या-क्या खाते हो?
आपसे मार खाता हूँ
कर्ज का भार खाता है और
तंगी में नून तो कभी अचार खाता हूँ साब !
नही मुझे लगा कि मूर्गा खाते हो !
खाता हूँ न साब ! पर आपके चुनाव में।
क्या पिते होभाई ?
जो एक दलित पीता है साब !
नहीं मतलब क्या-क्या पीने हो ?
छूआ हुल का गम
टूटे अरमानों का दम और
नंगी आंखों से देखा गया सारा भरम साब !
नहीं मुझे लगा शराब पीते हो।
पीता हूँ न साब !
पर आपने चुनाव में।
क्या मिला है भाई ?
जो एक दलितों को मिलता है साब !
नहीं मतलब क्या -क्या मिला है ?
जिल्लत भरी जिंदगी
आपकी धोई हुई गंदगी और
तिस पर भी आप जैसे परजीवियों की बंदगी साब !
मुझे लगा वादे मिले हैं।
मिलते हैं न साब !
पर आपके चुनाव में।
क्या किया है भाई ?
जो दलित करता है साब !
नहीं मतलब क्या-क्या किया ?
सौ दिन तालाब में काम किया
पसीने से तर-बतर सुबह को शाम किया और
आते-जाते ठाकुरों को सलाम किया
मुझे लगा कोई बड़ा काम किया।
किया है न साब !
आपके चुनाव का प्रचार।
ललनटॉप के एंकर द्वारा
नाम (अज्ञात)
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